Full Form of URL in Hindi: आज के समय इंटरनेट का उपयोग पुरे देश मैं भर मैं किया जाता है। इसके बिना तो मानो कोई काम संभव ही नहीं है। अगर कुछ जानकारी पता ना हो तो उसके लिए हम गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन पर सर्च करते है। सर्च करने पर आपको कई साइट दिखाई देते है। आपको जो जानकारी चाहिए उसके लिए आप किसी भी साइट पर क्लिक कर देते है।
क्या आपके कभी ये सोचा है जो साइट आप खोलते है उसका एक Address होता है जिसको हमसब URL कहते है। जैसे आपके घर का एक पता होता है। उसी तरह किसी भी वेबसाइट का भी एक पता होता है जिसे URL जैसे मेरे साइट का पता है (www.reportroller.com) इसको एक URL कहते है।
इस URL से आप हमारा वेबसाइट कभी भी, कही से विजिट कर सकते है। पर कभी आपने सोचा है की इस URL का फुल फॉर्म क्या होता है (URL Ka Full Form Kya Hota Hein). आज इस आर्टिकल मैं यूआरएल का फुल फॉर्म के बारे मैं जाने वाले है।
यूआरएल का फुल फॉर्म हिंदी मैं (Full Form of URL in Hindi)

यूआरएल (URL) का फुल फॉर्म यूनिफार्म रिसोर्सेज लोकेटर (Uniform resources locator) होता है। यह किसी वेबसाइट का वेब एड्रेस (Web Address) या डोमेन (Domain) नाम होता है जिससे किसी वेबसाइट के होमपेज या किसी किसी अन्य पेज पर पहुँचा जाता है।
उदहारण के लिए, https://www.reportroller.com ये एक वेब एड्रेस या डोमेन है जिसको किसी ब्राउज़र मैं सर्च करके इस साइट पर विजिट कर सकते है।
यूआरएल (URL) क्या है?
देखिए, जैसे किसी अनजान व्यक्ति के घर जाना होता है आपको घर के रास्ते के साथ उसका पता (Address) भी पता होना चाहिए, ठीक उसी तरह, इंटरनेट पर अगर किसी वेबपेज या डॉक्यूमेंट पर जाना है तो उसका अपना एक पता होता है जिसे हम यूआरएल (URL) कहते है।
यदि आसान शब्दो मैं समझे, तो URL एक इंटरनेट पता है, जिसके जरिए हम किसी साइट के वेबपेज पर पहुंचते है। जैसे आप किसी वेब ब्राउज़र मैं एक वेबसाइट का नाम टाइप करते है, तो उस वेबसाइट का URL हमें उसके वेबपेज तक पहुंचता है।
मान लीजिए, आपको विकिपीडिया के वेबपेज या होमपेज पर जाना है तो आप ब्राउज़र पर www.wikipedia.com सर्च करेंगे और ये आपको उसके वेबपेज पर पहुंचा देगा।
URL का स्ट्रक्चर क्या होता है ?

यूआरएल (URL) का स्ट्रक्चर इस प्रकार है: protocol://domain-name/top-level-domain/path
यहाँ पर,
- प्रोटोकॉल (protocol): वेब ब्राउज़र वेबपेज को कैसे लोड करे, जैसे कि http और https।
- डोमेन नाम (domain name): वेबसाइट का पता होता है, जैसे कि “google” या “facebook”।
- टॉप-लेवल डोमेन (LTD): वेबसाइट के प्रकार को दर्शाता है, जैसे कि “.com”, “.org”, “.in” इत्यादि।
- पाथ (path): वेबसाइट के अंदर किसी विशेष पेज या फ़ोल्डर को दिखाता है, जैसे मेरे वेबसाइट का पथ बिज़नेस आईडिया, योजना, विकी, आदि।
URL की खोज किसने और कब की थी?
यूआरएल (URL) की खोज टिम बर्नर्स-ली ने ECN के सदस्यों के साथ सहयोग करके 1990 मैं पहली बार URL का विकास किया था। उन्होंने वेब ब्राउज़िंग के लिए पहली बार वर्ल्डवाइड वेब (WorldWideWeb) भी बनाया था।
URL काम कैसे करता है ?
आप यहाँ पर एक-एक स्टेप से समझ सकते है, यूआरएल कैसे काम करता है:
स्टेप 1: जब आप कोई URL ब्राउज़र पर सर्च करते है, तब ब्राउज़र कंप्यूटर सिस्टम DNS (Domain Name System) सर्वर का जांच करता है। DNS Server डोमेन नाम को इंटरनेट पर होस्ट किए गए वेब सर्वर को IP Address मैं बदलता है। इससे ब्राउज़र वेबसाइट के सर्वर को खोज पता है जहाँ पर वह होस्ट होता है।
स्टेप 2: जब आपका ब्राउज़र DNS सर्वर द्वारा आपके वेबसाइट के सर्वर का IP एड्रेस पता लगाता है, तब वह सर्वर के साथ एक कनेक्शन बनाता है और उसके बाद ब्राउज़र वेबसाइट के डेटा को प्राप्त करता है जिसके बाद आपको उस वेबसाइट कर उपलब्ध सामग्री, चित्र, वीडियो, और अन्य चीज आपको दिखाई देता है।
निष्कर्ष
आशा करता हूँ की आपको फुल फॉर्म फॉर्म यूआरएल (full form of url) और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद और कुछ नया सिखने को मिला तो आप इसे शेयर करना ना भूले। ऐसे ही जानकारी के लिए आप हमें टेलीग्राम और गूगल न्यूज़ पर भी फॉलो कर सकते है।
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